सुशांत सिंह राजपूत को गुज़रे 5 साल से ज़्यादा हो चुके हैं लेकिन अभी तक उनके फैंस इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे है कि उनके फेवरेट अभिनेता अब उनके बीच नहीं है। सुशांत के फैंस ने दुनिया भर में मुहिम चलाकर उनके लिए न्याय की मांग की है। यह मुहिम अब भी जोरो शोरो से जारी है। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर सुशांत के कई वीडियोज और तस्वीरें वायरल होती रही है। बता दे कि सुशांत को कई इंटरव्यूज के दौरान एक ब्लैक कलर की टी-शर्ट पहने हुए देखा गया है।
सुशांत कि उस टी-शर्ट पर Schrodinger smiley लिखा हुआ है। इसके साथ ही उनकी शर्ट पर एक स्माइली बना है जो एक तरफ से हैप्पी दिखाई देता है और दूसरी तरफ से उदास। यानी कि यह स्माइली एक साथ खुश भी है और दुखी भी। बता दे कि इस स्माइली को Schrodinger meme smiley भी कहा जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सुशांत की टी-शर्ट पर लिखें Schrodinger स्माइली का राज क्या है।
One more…Schrodinger's Smiley
This shows that how much he love physics..🙌🙌 pic.twitter.com/6GZTBTp6W5— Dubey de Niro (@double_Dees1393) June 22, 2020
कौन है Schrodinger: Schrodinger एक ऑस्ट्रियन क्वांटम फिजिसिस्ट थे। जो कि क्वांटम थ्योरी को बड़ी गहराई से स्टडी कर रहे थे। क्वांटम फिजिक्स कितना अजीब है यह बताने के लिए उन्होंने एक इमेजनरी एक्सपेरिमेंट बनाया। उस एक्सपेरिमेंट में एक बिल्ली को कुछ रेडियोएक्टिव तत्वों के साथ एक बॉक्स में सील किया जाना था। साथ ही उस बॉक्स में एक बॉम्ब भी रखा हुआ है। जोकि रेडियोएक्टिव पदार्थ के टूटने के साथ ही फट जाएगा। जिससे बिल्ली मर जाएगी।
Schrodinger's smiley. (via @ScienceAlert) pic.twitter.com/nlbPItSqtG
— AsapSCIENCE (@AsapSCIENCE) July 6, 2016
यह एक्सपेरिमेंट इमैजिनरी है। क्वांटम मेकैनिक्स के साइंटिस्ट का मानना है कि, जब तक कोई देखने वाला ना हो तब तक हमारी सच्चाई का भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता। जो कुछ भी हो सकता है वह सब एक साथ रहता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति हमें देखता है तो हमारी सच्चाई इन सभी संभावनाओं में से किसी एक पर आकर रुक जाती हैं और देखने वाले को वही दिखाई देता है।
Sushant was a huge admirer of Erwin Schrodinger,not just one of his fav tees was the one with Schrodinger's smiley on it but he also read books about Schrodinger's famous cat experiment.
He would have surely posted something about Schrodinger today :/ https://t.co/ho2Bua2Hjo pic.twitter.com/KUXYVOL9LM
— siddhant. (@ignoreandfly) August 12, 2020
एक साथ रहती है सभी संभावनाएं: साइंटिस्ट का कहना था कि, जब तक कोई उस डिब्बे को खोल कर नहीं देखेगा तब तक यही अनुमान लगाया जाएगा कि रेडियोएक्टिव पदार्थ फटा है या नहीं और बिल्ली की मौत हुई है या नहीं। यह दोनों ही संभावनाएं एक साथ उस डब्बे के अंदर मौजूद हैं। जैसे ही कोई उस डिब्बे को खोल कर देखेगा उनमें से एक संभावना हकीकत बन जाएगी। यानी कि हमारे उस डिब्बे को खोलने के बाद ही बिल्ली की किस्मत का फैसला होगा। इस एक्सपेरिमेंट को Schrodinger cat के नाम से जाना जाता है। यह हमारी सोच से हमारी वास्तविकता को जोड़ने वाला एक्सपेरिमेंट है।
Schrodinger's smiley #STEM #SHPEfamilia #Egineering pic.twitter.com/L8NexWFakl
— Oscar Marquina (@omarquina7) November 2, 2016
हम भी बंद हैं साइकोलॉजिकल बॉक्स में: Schrodinger cat एक्सपेरीमेंट से प्रेरित होकर ही किसी ने Schrodinger मीम स्माइली बनाया है। इसीलिए वह स्माइली भी एक साथ दो संभावनाओं में जी रहा है। स्माइली एक साथ हैप्पी है और उदास भी। इनमें से कौन सी संभावना सही है यह तो व्यक्ति को ध्यान से देखने के बाद ही पता चल सकता हैं।
Schrodinger स्माइली मीम बनाने वाले का मानना है कि Schrodinger के एक्सपेरिमेंट को समझने के लिए जैसे डब्बे को खोलना जरूरी था वैसे ही इस मीम को समझने के लिए भी डब्बे को खोलना जरूरी है। हम सब भी एक साइकोलॉजिकल बॉक्स के अंदर बंद है। अपनी खुशी और उदासी से लड़ते हुए। इस बॉक्स को हम खुद नहीं खोल सकते। इसे सिर्फ हमारे अपनों का प्यार ही खोल सकता है। हम सिर्फ जिंदगी भर इंतजार करते रहते हैं उसी बिल्ली की तरह।
Schrodinger's smiley – the kind of equation that wins a Nobel …. pic.twitter.com/aP2QVRHN
— Roland Pease (@PeaseRoland) October 11, 2012
सुशांत बनना चाहते थे एस्ट्रोनॉट: बता दें सुशांत सिंह राजपूत को फिजिक्स में खासी दिलचस्पी थी। इसके अलावा मैथ्स और साइंस में भी उनको काफी नॉलेज थी। सुशांत ने साल 2003 में दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रवेश परीक्षा में ऑल इंडिया में 7वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी शुरू की थी, लेकिन तीसरे साल में उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। यही नहीं सुशांत फिजिक्स में नेशनल ओलंपियाड विनर भी थे। सुशांत को साइंस में बहुत दिलचस्पी थी, अंतरिक्ष से उनको इतना प्यार था कि, वह एस्ट्रोनॉट बनना चाहते थे। लेकिन किस्मत उन्हें एक्टिंग की तरफ ले आई।