अपनी कॉमेडी से सबको हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देने वाले राजू श्रीवास्तव नहीं रहे. राजू श्रीवास्तव के निधन के बाद कानपुर में उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई है. लोगों की जुबान पर गजोधर भैया की कई कहानियां हैं. एक पड़ोसी बताते हैं कि कैसे आर्थिक तंगी के कारण घर बेचना पड़ा था और बाद में राजू ने 10 गुना कीमत देकर घर फिर से खरीदा था.
अपनी कॉमेडी से सबको हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देने वाले राजू श्रीवास्तव नहीं रहे. लंबी बीमारी के बाद आज एम्स में उनका निधन हो गया. दिल का दौरा पड़ने पर 10 अगस्त को उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. पिछले 41 दिनों से वो कोमा जैसी स्थिति में थे. उन्हें होश में लाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन डॉक्टर अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो सके. राजू के निधन पर शोक संवेदनाओं का तांता लग गया है.
राजू श्रीवास्तव के निधन के बाद कानपुर में उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई है. पड़ोसी ने राजू श्रीवास्तव को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जो अपने परिवार के लिए हर मुश्किल वक्त पर संघर्ष करता रहा. स्थानीय लोग बताते हैं कि कैसे आर्थिक तंगी के कारण राजू की बहन की शादी के लिए पैसे का इंतजाम करने के लिए पिता को घर बेचना पड़ा और किराये के घर में शिफ्ट होना पड़ा, लेकिन शोहरत मिलने के बाद राजू ने 10 गुना कीमत देकर घर फिर से खरीदा था.
स्थानीय लोगों ने बताया कि राजू श्रीवास्तव की बहन की शादी के लिए घर तीन लाख में बिक गया लेकिन जब राजू श्रीवास्तव को सफलता मिली तो उन्होंने वही घर 28-30 लाख में खरीद लिया और यहीं रहने लगे. स्थानीय लोगों ने बताया कि ढाई महीने पहले राजू श्रीवास्तव यहां एक पारिवारिक समारोह के लिए आए थे, जहां उन्होंने कुछ स्थानीय लोगों की आर्थिक मदद की थी. पड़ोसी कहते हैं कि राजू जब भी घर आते तो मिठाई जरूर लेकर आते थे.
गौरतलब है कि बीमारी से 42 दिनों की लंबी जंग राजू श्रीवास्तव हार गए. महज 58 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली. 10 अगस्त को जिम में कसरत के दौरान सीने में दर्द की वजह से राजू बेहोश हो गए थे. बेहोशी की हालत में उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. 10 अगस्त को राजू श्रीवास्तव की बीमारी की खबर फैलते ही चाहने वाले पूजा और प्रार्थना में जुट गए थे. शहर-शहर राजू के लिए यज्ञ, हवन और जाप हो रहे थे, लेकिन ना दवा काम आई और ना दुआ.
अपने पीछे आंसुओं का सैलाब छोड़कर चले गए गजोधर भैया. पिछले 42 दिन में एम्स में राजू श्रीवास्तव को बचाने और होश में लाने की हरसंभव कोशिश की गई. लेकिन दिक्कत ये हो रही थी कि उनके मस्तिष्क में ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही थी, वो लगातार कोमा जैसी स्थिति में थे, बेहोशी की हालत में एम्स लाए जाने के बाद सीपीआर की मदद से उन्हें किसी तरह होश में लाया गया था. इसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई और आर्टरीज में 2 स्टेंट भी डाले गए, लेकिन राजू की तबीयत में सुधार नहीं आया और वो बेहोश ही रहे.
स्टैंडअप कॉमेडी और बॉलीवुड सितारों की मिमिक्री से राजू श्रीवास्तव लोगों को हंसा-हंसा कर लोट कर देते थे. कॉमेडी में उनका गजोघर भैया वाला अवतार काफी लोकप्रिय हुआ था. स्टैंड अप कॉमेडी और मिमिक्री शोज के अलावा उन्होंने कुछ फिल्मों में भी काम किया और अपने अंदाज से सबको दीवाना बना लिया. बेशक राजू श्रीवास्तव हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी गुदगुदाने वाली हमारे बीच बनी रहेगी.