कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव बीते कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी स्थिति बेहद गंभीर थी। और 45 दिन संघर्ष करने के बाद आखिर कार राजू श्रीवास्तव ने दुनिया को अलविदा कह दिया। बता दें राजू को 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद से उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आईसीयू में भर्ती करवाया गया था।
दिल के दौरे पड़ने वाले दिन ही अभिनेता की एंजियोप्लास्टी की गई थी। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें एक बड़ा हार्ट अटैक आया था। साथ ही डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत बेहद गंभीर थी। ऐसे में उनके फैंस जल्द स्वस्थ होने की दुआएं मांग रहे थे। खबरों की मानें तो कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि उनका ब्रेन रिस्पॉन्ड नहीं कर रहा था।
प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुकी हैं अंतरा: बता दें कि राजू श्रीवास्तव की तरह उनकी बेटी भी फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। हालांकि, अंतरा ने एक्टिंग फिल्ड में में हाथ नहीं आजमाया है। इसके अलावा वह प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। अंतरा की उम्र 28 वर्ष है। खबरों की मानें तो अंतरा ने अपनी स्कूली पढ़ाई मुंबई के ओबेरॉय इंटरनेशनल स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने मुंबई के एचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से मॉस मीडिया इन एडवर्टाइजिंग की डिग्री हासिल की है। अंतरा श्रीवास्तव बेहद खूबसूरत है और आए दिन उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें साझा करती रहती हैं।
12 साल की उम्र में अंतरा ने किया था यह दिलेर काम: साल 2006 में अंतरा को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निवास पर नेशनल ब्रेवरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार को दिए जाने का वाकया बेहद दिलचस्प है। दरअसल, तब अंतरा ने अपने घर में घुसे दो चोरों से अपनी मां की जान बचाई थी। उस वक्त अंतरा सिर्फ 12 साल थी। इस घटना के बारे में बातकरते हुए अंतरा ने कहा था कि उन चोरों के पास बंदूक थीं।
लेकिन मेरे मन में सिर्फ मां को बचाने का ख्याल था। अंतरा कहती हैं मैं बेडरूम में गईं और अपने पापा और पुलिस को मदद के लिए बुला लिया। इसके बाद उन्होंने अपने कमरे की खिड़की से बिल्डिंग के चौकीदार को आवाज दी। चौकीदार और पुलिस ने आकर उनकी मां को गुंडों से बचा लिया।
कॉमेडी के साथ राजनीती में बनाई जगह राजू श्रीवास्तव : कॉमेडी के साथ-साथ राजू श्रीवास्तव राजनीती में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। साल 2012 में उन्होंने समाजवादी पार्टी से अपने राजनीतिक सफर शुरू किया था। इस दौरान अखिलेश सरकार ने उन्हें सांसदीय का टिकट भी दिया था, हालांकि, कुछ वजहों से कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने टिकट वापस कर दिया। इसके बाद फिर उन्होंने सपा का दामन छोड़ भाजपा का हाथ थामा। वह मोदी के स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर भी बने। इसके साथ ही उन्हें स्टार प्रचारक का जिम्मा भी सौंपा गया।