कांग्रेस के अंदर चर्चा इस बात है कि अगर खड़गे पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करते हैं तो वह भी अपने पद को छोड़ेंगे फिर पार्टी अध्यक्ष बनेंगे.देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष चुनाव में लगातार नया मोड़ आता जा रहा है. अब सूत्रों से जानकारी मिली है कि पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और केरल से सांसद शशि थरूर पहले ही अपनी दावेदारी को सबसे मजबूत मान रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों दिग्गजों के समर्थकों ने खड़गे को घेरने की तैयारी पहले ही कर रखी है.
मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के कद्दावर नेता तो हैं ही साथ ही वह गांधी परिवार के वफादार भी हैं. हालांकि खड़गे के लिए यह डगर आसान नहीं होगी. पार्टी के अंदर चर्चा है कि अगर खड़गे पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते हैं तो वह भी अपने पद को छोड़ेंगे फिर पार्टी अध्यक्ष बनेंगे. दूसरे अगर वह ऐसा नहीं करते तो राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के साथ ऐसा क्यों किया गया.
क्या ‘एक व्यक्ति-एक पद’ का सिद्धांत होगा लागू? पार्टी के अंदर चर्चा हो रही है कि अशोक गहलोत को कहा गया था कि अगर वह अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते हैं तो उन्हें राजस्थान के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. उनसे कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट का हवाला देकर यह बात कही गई थी. इसके लिए खुद खड़गे पर्यवेक्षक बनकर राजस्थान गए थे. ऐसे में अगर खड़गे खुद नामांकन दाखिल करना चाहते हैं तो उसी फॉर्मूले के तहत उनको भी क्या कैबिनेट मंत्री के दर्जे वाले राज्यसभा में अपने नेता प्रतिपक्ष के पद को छोड़ना होगा? हालांकि इस सवाल का जवाब खड़गे पहले देंगे या बाद में फिलहाल कांग्रेस के कई नेता खड़गे की दावेदारी को भी बहुत मजबूती से देख रहे हैं.