अखिल भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर अब तीन नेता नोमिनेशन दाखिल कर चुके हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को नामांकन भरा तो इससे पहले झारखंड कांग्रेस के नेता केएन त्रिपाठी भी नोमिनेशन दाखिल कर चुके हैं। वहीं शुक्रवार को दिग्गज कांग्रेस नेताओं के साथ मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी अपना नामांकन दाखिल किया। खडग़े फिलहाल रेस में सबसे आगे हैं।
वे गांधी परिवार की पसंद है और उनके नामांकन दाखिल करने से पहले अंबिका सोनी, पवन बंसल, आनंद शर्मा, भूपेंद्रसिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक, पृथ्वीराज चव्हाण, अविनाश पांडे, मनीष तिवारी, राजीव शुक्ला, रघुवीर मीणा आदि वरिष्ठ नेताओं के एआईसीसी के कार्यालय में बैठक की और खडग़े को समर्थन दिया।
खडग़े का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। ऐसे में खडग़े की पूरी कहानी जानना जरूरी है। मल्लिकार्जुन खडग़े कांग्रेस पार्टी के नेता हैं और कर्नाटक से सांसद है। लोकसभा और राज्यसभा के मेंबर है। भारत सरकार में पूर्व रेल मंत्री और श्रम और रोजगार मंत्री रह चुके खडग़े ने वकालत की पढ़ाई की। खडग़े 2009-2019 के दौरान कर्नाटक के गुलबर्गा क्षेत्र से सांसद थे।
पहले छात्र नेता बनकर उभरे और फिर कांग्रेस पार्टी में अपनी जगह बना ली। खडग़े ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र संघ नेता के रूप में की थी। खडग़े कर्नाटक में कांग्रेस का दलित चेहरा हैं. वो गरीब पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते थे.
पहले कर्नाटक के गुलबर्गा शहर के गवर्नमेंट कॉलेज में उन्हें छात्रों के महासचिव के रूप में चुना गया। 1969 में, वह मिल्स एम्प्लाइज यूनियन के कानूनी सलाहकार बन गए। वे संयुक्ता मजदूर संघ के एक प्रभावशाली श्रमिक संघ नेता भी थे और उन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए लडऩे वाले कई आंदोलन का नेतृत्व किया।
वे गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने पहली बार 1972 में कर्नाटक राज्य विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव लड़ा और गुरमीतलाल निर्वाचन क्षेत्र से जीते। 1973 में, उन्हें ऑक्ट्रोई उन्मूलन समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
1974 में, उन्हें राज्य के स्वामित्व वाले चमड़ा विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। 2005 में, उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
2014 के आम चुनाव में खडग़े ने गुलबर्गा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था और जीते भी था। 2020 को खडग़े को कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुना गया था। 2021, खडग़े को राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया था।
वहीं अगर कांग्रेस अध्यक्ष पदों की बात करें तो देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम कांग्रेस के अग्रणी नेताओं में शुमार किया जाता है। आजादी के बाद साल 1951 से 1954 तक वह पार्टी के अध्यक्ष रहे। इससे पहले उन्हें साल 1929, 1930, 1936, 1937 और 1946 में पार्टी अध्यक्ष चुना गया था।
इसके बाद गांधी-नेहरू परिवार से इंदिरा गांधी भी पार्टी अध्यक्ष रहीं। उन्होंने साल 1959, 1978-83, 1983 और 1984 में पार्टी अध्यक्ष की भूमिका निभाई। उनके बाद राजीव गांधी साल 1985-1991 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे।
राजीव गांधी से बाद सोनिया गांधी 1998-2017 तक पार्टी अध्यक्ष रहीं। उनके बाद राहुल गांधी 2017-2019 तक इस पद पर काबिज रहे। 2019 में राहुल द्वारा इस्तीफा देने के बाद फिलहाल अब तक यह पद सोनिया गांधी के पास है।