झारखंड के शहर जमशेदपुर में जन्म लेने वाले हिंदी फिल्मों के मशहूर विलेन रहे मनमोहन एक ऐसे एक्टर थे जिन्होंने विलेन के ऐसे ऐसे किरदार निभाए कि उनके अभिनय प्रतिभा के कायल पूरी दुनिया हो गई थी मनमोहन बॉलीवुड के अलावा बंगाली गुजराती और पंजाबी फिल्मों में भी काम करते थे सलाखें 1979 को मनमोहन का निधन हो गया था बाल्या अवस्था से ही उनको एक्टिंग के कीड़े ने काट लिया था वह फिल्मों में अभिनय करना चाहते थे !
मीडिया से बात करते हुए मनमोहन के भतीजे ने कहा था कि जमशेदपुर के साक्षी के आम बागान में कॉमेडी एक्टर मुकुरु आए हुए थे उनका एक प्रोग्राम होने वाला था इसकी जानकारी मनमोहन को जैसे ही मिले वह होटल पहुंच गए और उनसे मिले!
मनमोहन से मिलकर कॉमेडियन मुकुरु इतने प्रभावित हुए कि वह अपने साथ मनमोहन को मुंबई लेकर चले गए ! मनमोहन एक व्यापारी परिवार से बिलॉन्ग करते थे उनके बारे में कहा जाता है कि उनके जानने वाले कोई भी फिल्म जब बनाते थे तो उनको विलेन का रोल जरूर मिलता था!
उनके अभिनय प्रतिभा के कायल सिर्फ दर्शक ही नहीं थे बल्कि डायरेक्टर प्रोड्यूसर भी थे !यह भी सच है कि विनोद खन्ना को पहली फिल्म मनमोहन नहीं दिलवाई थी विनोद खन्ना के साथ उनकी दोस्ती के चर्चे आज भी चलते रहते हैं !एक समय ऐसा भी आया जब विनोद खन्ना का सांसारिक चीजों से मोहभंग हो गया और वह ओशो की शरण में अमेरिका चले जाते हैं मनमोहन विनोद खन्ना से मिले और उनको वापस मुंबई लेकर आते हैं हालांकि विनोद खन्ना जाऊंगा पास आए!
उनको फिल्मों में फिर से काम करने का मौका मिला और उनकी फिल्म सत्यमेव जयते और इंसाफ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई मनमोहन के बेटे का नाम नितिन मनमोहन है जो की फिल्मों के डायरेक्टर प्रोड्यूसर है! नितिन मनमोहन ने इंडस्ट्री को काफी सारे हिट फिल्में दी है जिसमें से इंसाफ, बोल राधा बोल, दीवानगी जैसी फिल्में प्रमुख है!